Thursday, May 2, 2024
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कोरोना और त्योहार: शिवरात्री के मौके पर मंदिरों में लौटी रौनक, मराठा राजाओं की तरह सजाए गए राजधानी में भगवान शिव…

तस्वीर रायपुर के महादेव घाट के मंदिर में स्थित शिवलिंग की है। शिवरात्री की वजह से यहां विशेष श्रृंगार किया गया। - Dainik Bhaskar

तस्वीर रायपुर के महादेव घाट के मंदिर में स्थित शिवलिंग की है। शिवरात्री की वजह से यहां विशेष श्रृंगार किया गया।

  • रायपुर के महादेव घाट स्थित हटकेश्वर मंदिर में शहर के हर कोने से पहुंचे लोग
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे भगवान शिव के दर्शन करनें, महापौर एजाज ने भी शिवलिंग की पूजा की

रायपुर/ बुधवार को सुबह से ही रायपुर शहर के तमाम मंदिरों में लोगों की भीड़ मौजूद रही । दरअसल मौका शिवरात्रि का था, विशेष पूजा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोग दूर-दराज से शहर के महादेव घाट मंदिर में भी पहुंचे। यहां शिवलिंग का विशेष रूप से श्रृंगार किया गया था। महादेव घाट के हाटकेश्वर मंदिर में मराठा राजाओं के अंदाज़ में शिवलिंग को पगड़ी पहनाई गई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी राजसी पगड़ी पहने शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचे। उनके साथ विधायक कुलदीप जुनेजा और महापौर एजाज ढेबर भी थे। सभी ने तिलक लगाकर भगवान शिव की स्तुति की।

भगवान शिव को प्रणाम..तस्वीर रायपुर के महादेव घाट स्थित मंदिर की है।

भगवान शिव को प्रणाम..तस्वीर रायपुर के महादेव घाट स्थित मंदिर की है।

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू नेवई के शिव मंदिर में पूजा की, यहां उन्होंने भगवान शिव का अभिषेक किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दर्शन के बाद मंदिर से बाहर आकर कहा कि सभी लोगों की मनोकामना भगवान पूरी करें मैं यही चाहता हूं, आज शिवरात्री की वजह से सभी शिवालयों में विशेष सजावट की गई है। बड़ी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं मैं सभी को बधाई देता हूं।

काफी दिनों बाद इस तरह की गहमा-गहमी रायपुर के महादेव घाट पर देखने को मिली।

काफी दिनों बाद इस तरह की गहमा-गहमी रायपुर के महादेव घाट पर देखने को मिली।

लौटी रौनक
पिछले साल कोरोना महामारी के संकट के बीच महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया गया था । मंदिरों में भक्त भी नहीं पहुंचे थे। मगर अब कोरोना का असर शहर में कुछ कम होने की वजह से लोग बड़ी तादाद में मंदिर पहुंचे। भीड़ की वजह से मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता दिखा। हालांकि सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग के इंतजाम मंदिरों में नजर आए

रायपुर का महादेव घाट कल्चुरी काल के राजाओं के वक्त से अस्तित्व में है।

रायपुर का महादेव घाट कल्चुरी काल के राजाओं के वक्त से अस्तित्व में है।

महादेव घाट मंदिर का इतिहास
राजधानी रायपुर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर शहर की जीवनदायिनी मानी जाने वाली खारुन नदी तट पर ऐतिहासिक हटकेश्वर नाथ मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि 1402 ईस्वी में कल्चुरि राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय के शासन काल में हाजीराज नाइक ने मंदिर का निर्माण कराया था। हरिद्वार के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर दो साल पहले खारुन नदी के उपर सड़क रूपी झूला बनाया गया है। जबसे यह झूला बना है तबसे यहां सैलानियों की संख्या कई गुणा बढ़ चुकी है।

तस्वीर रायपुर के मठपारा स्थित नीलकंठेश्वर धाम की है।

तस्वीर रायपुर के मठपारा स्थित नीलकंठेश्वर धाम की है।

शहर में हो रहे ये आयोजन
रायपुर के मनोज वर्मा ने बताया कि गुरुवार शाम 6 बजे मठपारा स्थित नीलकंठेश्वर महादेव के दरबार से भगवान शिव की बारात निकाली जाएगी। 50 से अधिक युवा भूत-पिशाच की वेशभूषा में बाराती बनकर शामिल होंगे। बूढ़ापारा स्थित हनुमान मंदिर पहुंचकर बारात का समापन होगा।

संत कंवरराम नगर समिति के सदस्य मनोहर चंदनानी और प्रेम प्रकाश मंध्यानी ने बताया कि कटोरातालाब स्थित मंदिर के पट सुबह 4 बजे पूजा-आरती के बाद दर्शन के लिए खोल दिया गया। इस अवसर पर भक्तों में दिनभर सूखी ठंडाई भी बांटी गई।

शहर के शिव भक्त श्याम चावला ने बताया कि महाशिवरात्रि के मौके पर प्रेस क्लब के पास स्थित नर्मदेश्वर महादेव की प्रतिमा पर 51 लीटर दूध से अभिषेक किए जाने का कार्यक्रम तय है। इसके लिए क्रेन की मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इसमें संत युधिष्ठिर लाल समेत कई साधु-महात्मा इसमें शामिल होंगे।

पुष्टिकर समाज ट्रस्ट के ट्रस्टी परसराम वोरा ने बताया कि इस अवसर पर बूढ़ापारा स्थित बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में रात 8 बजे शिव-पार्वती का विवाह कराया जाएगा। इसके लिए विवाह मंडप बनाया गया है। सबसे खास बात यह है कि विवाह से जुड़े सारे अनुष्ठान गणेशजी संपन्न कराएंगे।

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