पुसौर थाना क्षेत्र के रणभाटा गांव निवासी शिक्षक के बेटे की कथित तौर पर गांव के बीजेपी समर्थित सरपंच पति व उसके समर्थकों की पिटाई से निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजन शव को शव वाहन में रखकर एसपी कार्यालय पहुंचे और हंगामा किया। पुलिसकर्मियों के समझाने के बावजूद हंगामा जारी रहा। आखिरकार एएसपी ने परिजनों को मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन मौके से हटे और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। मामले की अभी एफआईआर तक नहीं दर्ज की गई है।
गांव निवासी कौशल प्रसाद मिश्रा के मुताबिक, वह क्षेत्र के पुसलदा के सरकारी हाईस्कूल में अध्यापक हैं, महेन्द्र मिश्रा (25) उनका इकलौता बेटा था, जो गुरुवार को गांव की सरपंच ममता छत्तर के घर गया था। कौशल ने बताया कि उनके पास ममता के देवर जन्मजय छत्तर ने दोपहर में फोन किया और बताया कि महेन्द्र घर आया है और मेरे भाई राजकुमार जो सरपंच पति हैं, उनसे विवाद कर रहा है। इसपर कौशल ने अपने बेटे से उसी के मोबाइल पर बात की तो महेन्द्र ने बताया कि उसे बहुत पीटा गया है।
शिक्षक के अनुसार अपने बेटे की पिटाई की बात सुनकर वह फौरन घर आया और कुछ पारिवारिक सदस्यों के साथ सरपंच के घर गया, जहां पर उसका बेटा सोफे पर अचेत पड़ा था। इसपर सभी ने उसको उठाकर जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर शुक्रवार की सुबह उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी पर कोतवाली सिटी पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम होने के बाद परिवार के लोग एकत्र हुए और शव लेकर करीब डेढ़ घंटे तक एसपी कार्यालय में हंगामा किया।
मृतक।
बीजेपी का मंडल अध्यक्ष रह चुका सरपंच पति
जानकारी के मुताबिक जिस पर कौशल की ओर से अपने बेटे महेन्द्र की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया, वह राजकुमार भाजपा का पूर्व मंडल अध्यक्ष भी रह चुका है। वर्तमान में बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता भी है।
उठाता था गांव के विकास कार्यों पर सवाल
महेन्द्र के सरपंच के घर जाने की वजह जब उसके पिता कौशल प्रसाद से पूछी गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें ठोस वजह नहीं पता है, हालांकि उन्होनें बताया कि गांव के विकास कार्यों में लापरवाही की बात अक्सर किया करता था, शायद यही बात सरपंच को नागवार गुजरी और बेटे की सुनियोजित तरीके से हत्या कराई गई।
साइनस की थी बीमारी, करता था पढ़ाई
कौशल ने बताया कि उसका बेटा महेन्द्र बीए प्रथम वर्ष का छात्र था, इसके साथ ही यह भी बताया गया कि उसे साइनस की बीमारी थी, जिसका इलाज भी चल रहा था।
खरीद लाई थीं राखियां, अब किसकी कलाई पर बांधें
मालूम हो कि महेन्द्र अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था और अपनी दो बहनों से छोटा व एक से बड़ा था। उसकी बहन वंदना, कांती और ममता का रो-रोकर बुरा हाल है, उनका कहना है कि भाई की कलाई पर बांधने के लिए राखियां खरीदकर लाईं थीं। लेकिन तब तक महेन्द्र ही इस दुनिया में नहीं रहा, कल रविवार को रक्षाबंधन का त्यौहार है।
मर्ग कायम, पीएम रिपोर्ट का है इंतजार
पुसौर के रणभाटा के कौशल प्रसाद मिश्रा आए थे, उनका आरोप हैं कि उनके बेटे की हत्या की गई। अभी मर्ग कायम करके जीरो में मामले रखा गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद गवाहों के बयान होंगे, तब मामला दर्ज होगा। सारे तथ्यों पर अभी जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई होगी।