Thursday, May 2, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए लैंको को दी राहत…एसईसीएल को ब्याज सहित बैंक गारंटी लौटाने को कहा….

कोरबा। एसईसीएल में कोयले की सप्लाई में सेल्स डिपार्टमेंट के अधिकारी मनमानी पर उतारू हैं। कंपनियों को कई बार घटिया कोयला सप्लाई किया जा रहा है। जिसकी शिकायत करने पर सुनवाई नहीं हो रही।कंपनी मनमाने तरीके से बड़ी कंपनियों की बैंक गारंटी राजसात करने पर भी उतारू है।

ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ में वर्ष 2008 में एसईसीएल और बिजली तैयार करने वाली कोरबा की लैंकों अमरकंटक कंपनी के बीच एक फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के तहत कोयला सप्लाई करने का करार हुआ। कुछ दिन बाद एसईसीएल के सेल्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इस एग्रीमेंट में किसी तरह की खामी निकालकर कंपनी की ओर से बैंक गारंटी के तौर पर जमा किए 22 करोड़ 95 लाख रूपए को राजसात कर लिया। इससे लैंको कंपनी के अधिकारियों ने मामले को कोर्ट में घसीट दिया। जिसमें एसईसीएल के अधिकारियों को मुंह की खानी पड़ी। 11 साल बाद मामले में हाईकोर्ट का फैसला आया। इसमें ही एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा बैंक गारंटी के पैसों को राजसात करना गलत बताया गया और एक ब्याजदर तय कर कंपनी को रकम वापस करने के निर्देश दिए गए।
कोरबा में लैंकों अमरकंटक पावर कंपनी ने शहर के कुछ नामी अधिवक्ताओं के ज़रिये मामले को हाईकोर्ट में लगवाया था। इससे पहले मामला निचली अदालतों में भी लगाया गया था। जिला कोर्ट ने जरूर एसईसीएल के अधिकारियों की बात मानी थी। पर मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा तो सब कुछ क्लीयर हो गया। यहां से ही आए फैसले के बाद एसईसीएल अधिकारियों ने इस प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट तक खींच दिया। पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए एसईसीएल को लैंको अमरकंटक कंपनी को उनकी रकम वापस करने और इसके एवज में ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिए हैं। मूल रकम के साथ ब्याज लगभग 35 करोड़ रूपए का बताया जा रहा है। जिसे एसईसीएल के अफसरों की लैंकों अमरकंटक कंपनी को लौटाना पड़ेगा।

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