छत्तीसगढ़: जांजगीर में जिले का पहला स्विमिंग पूल 6 साल से निर्माणाधीन है। जबकि इसे डेढ़ साल में पूरा किया जाना था। खास बात यह है कि इस बीच 4 कलेक्टर, 8 CMO (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) और 3 इंजीनियर भी बदल चुके हैं। पूल के लिए 1.80 करोड़ का बजट निर्धारित था। इसमें से 1.20 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं, लेकिन आप इसमें तैर नहीं सकते। अब नए कलेक्टर आए हैं। उन्होंने 28 फरवरी तक काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है।
साल 2017 में पूल का निर्माण कार्य शुरू हुआ, पर 6 साल बीतने के बाद यह किसी काम का नहीं है।
दरअसल, नैला नगर पालिका परिषद में स्विमिंग पूल निर्माण के लिए मई 2016 में आदेश जारी हुआ था। पूल का निर्माण के लिए एक साल 6 माह का समय निर्धारित था। साल 2017 में पूल का निर्माण कार्य शुरू हुआ, पर 6 साल बीतने के बाद यह किसी काम का नहीं है। अब नए कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने पूल का निरीक्षण किया और काम पूरा नहीं होने के चलते नाराजगी जताई है। काम नहीं शुरू होने पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश दिया है।
स्विमिंग पूल निर्माण कार्य का बोर्ड।
स्वीमिंग पूल में पानी, निर्माण भी, पर टाइल्स ने रोकी तैराकी
निर्माण कार्य शुरू होने से अब तक 8 CMO बदल गए, लेकिन किसी ने जिले की इस विशेष सुविधा के लिए ध्यान नहीं दिया। निर्माणाधीन स्विमिंग पूल के टैंक, टॉयलेट, फिल्ट्रेशन प्लांट, चेंजिंग रूम आदि का निर्माण हो गया है। 1 करोड़ 80 लाख रुपए में से एक करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। पाथ वे भी बनाया गया है। स्विमिंग पूल में पानी भी है, लेकिन टैंक में मानक की टाइल्स नहीं लगी है। जिसके कारण उपयोग शुरू नहीं हो पा रहा है।
नगर पालिका परिषद, नैला।
इन 7 CMO को नोटिस, ये सब इंजीनियर जांच के दायरे में
स्विमिंग पूल का निर्माण कार्य तय समय पर नहीं होने और इस लेट लतीफी के चलते तत्कालीन CMO राजेंद्र पात्रे, सौरभ शर्मा, दिनेश कोसरिया, सुनील चंद्र शर्मा, पीएस पटनायक, रिटायर्ड मनोज सिंह, राजेश गुप्ता को नोटिस भी दिया जा चुका था। इनके अलावा सब इंजीनियर चंद्रशेखर साहू, अनूप सोनी, सुरेंद्र श्रीवास और ठेकेदार अनिल शर्मा को भी नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया था कि कार्य में अफसरों और ठेकेदार ने रुचि नहीं ली। अनियमितता बरती गई। जो कि सरकारी धन का दुरुपयोग है।
कलेक्टर ने किया निर्माणाधीन स्विमिंग पूल का निरीक्षण किया।
मापदंडों के विपरीत लगाई गई टाइल्स
- स्विमिंग पूल के निर्माण कार्य की जांच के दौरान तमाम खामियां मिली हैं। इसका जिक्र भी नोटिस में किया गया है।
- अफसरों, उप अभियंताओं और ठेकेदार ने संशोधित एस्टीमेट तैयार कराया।
- स्विमिंग पूल के मापदंड के विपरीत टाइल्स लगाई गई, जिसकी वजह से पूल अनुपयोगी हो गया।
- इसके चलते नगरपालिका क्षेत्र के आम नागरिकों को स्विमिंग पूल का लाभ नहीं मिल पाया है।
- राजस्व के संसाधनों का दुरुपयोग करते हुए संसाधनों को क्षति पहुंचाई गई है।
ठेकेदार बोला- अफसरों के निर्देश पर काम पूरा किया
ठेकेदार अनिल शर्मा का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन के जारी किए गए एस्टीमेट के आधार पर काम किया है। अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर ही यह पूरा काम कराया गया है। ठेकेदार का दावा है कि उसने अपना काम पूरा कर दिया है।