Friday, April 26, 2024
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मैनपाट महोत्सव में हंगामा: भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के कार्यक्रम में पुलिस ने चलाई लाठियां, एक्टर मंच से कहते रहे- प्लीज उन्हें मत मारो; कई महिलाएं घायल…

  • देर रात कार्यक्रम के दौरान अति उत्साह के चलते पुलिस और लोगों के बीच हुआ था विवाद
  • गुस्साए लोगों ने तोड़ी कुर्सियां, भीड़ नियंत्रित नहीं कर पाने के चलते भड़के थे पुलिसकर्मी

छत्तीसगढ़ के मैनपाट में शुक्रवार से शुरू हुआ महोत्सव पहले दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। देर रात भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के कार्यक्रम में पुलिस ने जमकर लाठियां चलाईं। इसके चलते भगदड़ मच गई और कई महिलाएं घायल हो गई हैं। उनमें से कुछ लोगों को अस्पताल भिजवाया गया है। इस दौरान मंच से एक्टर लोगों को नहीं मारने की अपील करते रहे, लेकिन पुलिस नहीं मानी। इसके बाद एक्टर कार्यक्रम को बीच में छोड़कर चले गए।

दर्शकों ने भी जमकर हंगामा किया और कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दी। करीब 500 कुर्सियां तोड़ दीं और वहां लगे पोस्टर फाड़ दिए। मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की।

दरअसल, शुक्रवार शाम को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महोत्सव का शुभारंभ किया था। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो गए। देर रात भोजपुरी सुपर स्टार खेसारी लाल यादव मंच से अपनी प्रस्तुति दे रहे थे। इसी दौरान झूमती हुई भीड़ अनियंत्रित हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकी और विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ी कि पुलिस ने लोगों पर लाठियां चलाना शुरू कर दिया। इसके चलते वहां भगदड़ मच गई।

पुलिस नहीं रुकी तो दर्शक भी भड़के, तोड़ी कुर्सियां
हालात बेकाबू होते देख एक्टर खेसारी लाल ने भी मंच से लोगों पर लाठियां नहीं चलाने की अपील की। कहा, कृपया दर्शकों पर लाठी ना चलाएं। वे (दर्शक) हैं तो ही खेसारी लाल यादव जिंदा है, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी अपील को भी दरकिनार कर दिया और लगातार दर्शकों पर डंडे बरसाते रहे। इसके बाद दर्शकों ने भी जमकर हंगामा किया और कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दी। करीब 500 कुर्सियां तोड़ दीं और वहां लगे पोस्टर फाड़ दिए।

घायल महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली
इस दौरान अंबिकापुर SDM अजय त्रिपाठी शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश में लगे रहे। हंगामा थोड़ा शांत हुआ, लेकिन तब तक कई महिलाएं और लोग घायल हो चुके थे। उन्हे अस्पताल ले जाने तक की व्यवस्था नहीं थी। इसके चलते लोगों की SDM से बहस भी हुई। इस पर SDM ने लोगों से कहा कि घायलों को अस्पताल ले जाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। एंबुलेंस है या नहीं यह ज्यादा महत्व नहीं रखता। वे खुद भी अपनी गाड़ी से घायलों को अस्पताल लेकर पहुंचे।

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