Saturday, May 18, 2024
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BCC NEWS 24: छत्तीसगढ़- कोयले की कमी नहीं, एसईसीएल देगा 29 हजार टन….. बिजली संकट पर सीएम ने एसईसीएल, रेलवे अफसरों के साथ की बैठक

रायपुर: छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए एसईसीएल द्वारा प्रतिदिन 29 हजार 500 टन कोयले की आपूर्ति की जाएगी। एसईसीएल के सीएमडी ने इसके लिए सहमति दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय पर प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति एवं उपलब्धता की समीक्षा।

एसईसीएल के सीएमडी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला निकालकर छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों को कोयले की आपूर्ति की जाती है। चूंकि छत्तीसगढ़ से कोयले का उत्पादन किया जा रहा है, इसलिए एसईसीएल द्वारा प्राथमिकता के आधार पर छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को उनकी आवश्यकता के अनुसार अच्छी गुणवत्ता के कोयले की सप्लाई की जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों की आवश्यकता के अनुरूप 29 हजार 500 टन अच्छी गुणवत्ता के कोयले की भी आपूर्ति की जाएगी। बारिश के कारण कोयले की गुणवत्ता प्रभावित होती है। वर्तमान में एसईसीएल द्वारा छत्तीसगढ़ को 23 हजार 290 टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है।

एसईसीएल के सीएमडी ने छत्तीसगढ़ के लिए इस मात्रा को बढ़ाकर 29 हजार 500 टन करने की सहमति दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे से कहा कि छत्तीसगढ़ को कोयले और चावल के लिए पर्याप्त रेल्वे रेक उपलब्ध कराए। दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के जीएम ने इसके लिए सहमति दी। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद ने जानकारी दी कि वर्तमान में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र कोरबा ईस्ट में 3.8 दिवस का कोयला उपलब्ध है। इसी तरह हसदेव ताप विद्युत संयंत्र में कोरबा वेस्ट में 3.2 दिवस का कोयला तथा मड़वा ताप विद्युत संयंत्र में 7 दिनों की आवश्यकता का कोयला उपलब्ध है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण मानक के अनुसार 5 दिनों की आवश्यकता से कम कोयले की उपलब्धता को क्रिटिकल स्थिति माना जाता है। अब कोयले की आपूर्ति बढ़ने से छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध होगी।

आठ लाख हेक्टेयर में होगा वन व भू-जल संवर्धन
राज्य के वनांचल में 1962 नालों में भू-जल संरक्षण संबंधी विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे क्षेत्र के 8 लाख 17 हजार हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को राजधानी स्थित अपने निवास पर कैम्पा मद से नरवा विकास योजना के लिए 392 करोड़ 26 लाख रुपए मंजूर किए। इससे 37.99 लाख भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का विकास होगा।

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