RAIPUR: रायपुर में लोगों रॉन्ग साइड गाड़ी चलाना बेहद महंगा पड़ने वाला है। नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस ने शहर की कुछ सड़कों पर टायर किलर लगवाए हैं। नाम से ही स्पष्ट है टायर्स को ये सिस्टम किल कर देना यानी सीधे खत्म ही कर देगा।
ब्रेकर की तरह नजर आने वाले टायर किलर्स पर अगर सामने से गाड़ी आई तो लोहे के कांटे सीधे टायर में घुस जाएंगे और टायर फटकर पंचर हो जाएगा। ये कांटे इतने बड़े हैं कि फिर पंचर रिपेयर से नहीं सीधे टायर बदलवाकर ही काम चलाना होगा।
कांटों के सामने से आने पर टायर फट जाएंगे।
इन जगहों पर लगाए गए
रिंग रोड नंबर 1 पर रेस्टोरेंट काके दी हट्टी के पास , एक्सप्रेस वे पर फाफाडीह वन वे अप साइड पर और तीसरा गौरवपथ मल्टी लेवल पार्किंग के पास टायर किलर लगाए गए हैं। शुक्रवार काे जब नगर निमग की टीम इसे लगा रही थी लोग हैरानी से देख रहे थे। ये पहली बार है जब रॉन्ग साइड के हिस्सों पर इस तरह का प्रयोग किया गया है।
जब रॉन्ग साइड से आ गए बाइक सवार तो हुए परेशान।
ये वो जगहें हैं जहां अधिक तादाद में लोग रॉन्ग साइड गाड़ी लेकर पहुंचते हैं। हादसों का खतरा बना रहता है। नगर निगम और यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि रॉन्ग साइड ड्राइविंग बंद करवाने, , यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के उद्देश्य से टायर किलर लगाया जा रहा है। टायर किलर कुछ दूरी पर सूचना बोर्ड भी लगाया गया है कि रॉन्ग साइड न चलें, आगे टायर किलर है।
जल्द ही पूरे शहर में होगी व्यवस्था लागू
यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तहत नगर पालिक निगम और यातायात पुलिस विभाग की देखरेख में रायपुर के कुछ हिस्सों में लागू की गई है। शहर की सड़कों पर चलने वालों में अनुशासन लाने की कोशिश है, अफसरों ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद सभी वन वे रोड पर इसी तरह से टायर किलर लगेंगे।
ये कार टायर किलर को रॉन्ग साइड से ही पार कर गई।
इनके तो चारों टायर फट गए
शुक्रवार को जब टायर किलर लगाए जा रहे थे, एक कार चालक ने बड़ी लापरवाही कर दी। रॉन्ग साइड से कार को इन टायर किलर्स पर चढ़ा दिया। नतीजा ये हुआ कि कार के चारों टायर फट गए। गाड़ी का जो हाल हुआ उसे उतरकर चालक ने देखा तो हैरान रह गया। कुछ देर बाद टोइंग व्हीकल बुलवाकर कार को हटवाया गया।
सही साइड से आने पर टायर के नीचे आते हैं कांटे।
दिल्ली से मंगवाया गए
शहर में रॉंग साइड मूवमेंट पर नकेल कसने ये टायर किलर दिल्ली से मंगवाए गए हैं। करीब 13 लाख 50 हजार का टेंडर इसे लेकर किया गया था। कुछ महीने पहले भी इन्हें लगाया गया था मगर बाद में तकनीकी कारणों से निकाल दिया गया था। इस बार इन्हें हमेशा के लिए इंस्टॉल किया गया है।
महानगरों और बड़े शहरों में बेहतर रिजल्ट
देश के सभी महानगरों के अलावा बड़े शहरों में टायर किलर्स ब्रेकर लगाए गए हैं। इसके बेहतर रिजल्ट सामने आए हैं। रांग साइड चलने वाले वाहन चालकों में लगातार कमी आई है। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, देहरादून के साथ कई शहरों में यह लगाया गया है।
किलर के पीछे से गाड़ी को लाना सही तरीका है।
क्या है टायर किलर?
टायर किलर स्पीड ब्रेकर जैसा होता है। यानी जो गाड़ी सही डायरेक्शन में इसे क्रॉस करेगा उसके टायर पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि कांटेदार स्प्रिंग के जुड़े होते हैं। पीछे से आने पर टायर का प्रेशर लगते ही ये कांटे सड़क के भीतर चले जाते हैं बिना किसी परेशानी के गाड़ी आगे बढ़ जाती है। मगर कांटों के सामने से कोई गाड़ी आए यानी की रॉन्ग साइड से तो ये टायर को फाड़कर रख देते हैं।
पीछे से टायर प्रेशर आने पर किलर दब जाता है, गाड़ी आराम से चली जाती है।