Sunday, April 28, 2024
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CG: छत्तीसगढ़ी एक्टर का पैर कटने से बचाया.. डॉक्टरों ने किया मेजर ऑपरेशन, 2 घंटे तक हुई सर्जरी, हादसे में चकनाचूर हो गई थी हड्डी

छत्तीसगढ़: बिलासपुर में सिम्स के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर छत्तीसगढ़ी एक्टर का पैर कटने से बचा लिया। दरअसल, सड़क हादसे में घायल एक्टर के पैर की हड्‌डी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे दो घंटे की सर्जरी के बाद आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने ठीक किया। इस दौरान उनके घुटने से नीचे की एक-एक हड्‌डी को जोड़कर ऑपरेशन किया।

मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम कोनी में रहने वाले छत्तीसगढ़ी फिल्म कलाकार व निर्माता ओंकार तिवारी (37) बीते 28 नवंबर को अपनी बाइक से जा रहे थे। इस दौरान उनकी बाइक अनियंत्रित हो गई, जिससे वे दुर्घटना का शिकार हो गए। इस हादसे में ओंकार तिवारी का दायां पैर चक्के में फंस गया था। इससे उनके पैर की हड्डी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और उंगलियां भी नहीं चल रही थी।

उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उनके पैर की हालत देखकर तत्काल सिम्स भेज दिया। सिम्स पहुंचने पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक जांगड़े ने जांच की और बताया कि तत्काल सर्जरी नहीं की गई तो पैर काटना पड़ जाएगा।

सिम्स के आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डॉक्टरों की सर्जरी।

सिम्स के आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डॉक्टरों की सर्जरी।

डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे तक की सर्जरी
उनके पैर की हड्‌डी को व्यवस्थित कर जोड़ने के लिए जल्द ऑपरेशन की जरूरत थी। लिहाजा, डॉ. दीपक जांगड़े ने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एआर बेन, डॉ. आरके दास, डॉ. राजीव सकुजा के मार्गदर्शन में मरीज का जटिल ऑपरेशन शुरू किया। इस सर्जरी को पूरा करने में दो घंटे से ज्यादा का समय लगा। सर्जरी के दौरान टूटी हुई हड्डियों को लोहे के रॉड के सहारे जोड़ा गया। साथ ही उंगलियों को भी जोड़ा गया, ताकि भविष्य में भी उनकी उंगलियां काम करती रहे। सर्जरी के एक सप्ताह के बाद ओंकार के पैरों में सुधार आने लगा है और उनका पैर ठीक होने लगा है।

देरी होती तो काटना पड़ता पैर
सर्जरी करने वाले डॉ. दीपक जांगड़े ने बताया कि जब ओंकार को सिम्स लाया गया तब उनकी हालत गंभीर थी। पैर की हड्डी टूटकर बाहर आ गई थी, खून भी काफी बह गया था। यदि सर्जरी समय पर नहीं होती तो पैर काटने की नौबत आ सकती थी। ऐसे में समय रहते सही निर्णय लिया गया और सर्जरी कर उनके पैर को कटने से बचा लिया गया।

प्रदेश में जरुरतमंदों की सरकार ने की थी मदद.. नीचे पढ़ें

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मासूम हर्ष के इलाज के लिए हर मुमकिन मदद का ऐलान किया था। करीब 20 दिन पहले फुटपाथ पर फुटपंप से मासूम को सांसें देने का वीडियो वायरल हुआ था। सीएम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए इसके लिए कलेक्टर को निर्देश दिए थे। हर्ष को रायपुर के सरकारी मॉडल अस्पताल में भर्ती किया गया। 13 महीने का हर्ष इलाज के अभाव में परिजनों के साथ रायपुर एम्स के बाहर फुटपाथ पर रहने को मजबूर था। कवर्धा से आए 13 महीने के बच्चे को पांच महीने से मां फुटपंप से सांसें दे रही थी। बच्चे को ब्रेन ट्यूमर है और वो नाक से सांस नहीं ले सकता। अब कैंसर ने इसे घेर रखा है।

इलाज के लिए माता-पिता ने घर और जमीन बेच दी और अब एम्स के बाहर ही फुटपाथ पर रहकर बच्चे का इलाज करा रहे हैं। इस खबर को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से दिखाया। जिसके बाद जिम्मेदारों तक बात पहुंची। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में मदद के निर्देश दिए।

राज्य शासन की तरफ से आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया गया कि हर्ष और उसके परिवार को हर सम्भव सहायता के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के बाद कीमोथेरेपी के लिए हर्ष को ज़िला प्रशासन की ओर से हर सम्भव मदद दी जाएगी। मीडिया के जरिए हर्ष की बीमारी और उसके माता-पिता की बदहाल स्थिति की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर को निर्देशित किया।

इसके बाद कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ मिथिलेश चौधरी और नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी को परिजनों से मिलने भेजा। दोनों अधिकारियों ने हर्ष के पिता बालकराम डहरे से पूरे मामले की जानकारी ली और कलेक्टर को पूरी जानकारी दी थी। इसके बाद कलेक्टर ने तत्काल हर्ष और उसके माता-पिता को हर सम्भव मदद देने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। अब उनके रहने का उचित इंतजाम किया गया।

सिंगर मोनिका खुरसैल ने बीमारी से तोड़ा था दम

छत्तीसगढ़ी गीतों में अपनी अलग पहचान बनाकर कामयाबी की ओर आगे बढ़ रही मोनिका ने हफ्ते भर पहले बहुत कम उम्र (25 साल) में परिवार के साथ संगीत प्रेमियों को अलविदा कह गई थी। भले ही मोनिका अब इस दुनिया में नहीं रही। लेकिन, छत्तीसगढ़ी में गाए उनके गीत हमेशा गुंजती रहेगी। दरअसल, बिलासपुर के हेमू नगर की रहने वाली सिंगर मोनिका ब्रेन हेमरेज के बाद रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती थीं। आर्थिक तंगी और गरीबी के चलते समय पर इलाज नहीं मिला और उसका ऑपरेशन देर से हुआ, जिसके चलते बुधवार की सुबह मोनिका की मौत हो गई।

बिलासपुर की रहने वाली मोनिका को रायपुर लाया गया था। शहर के पचपेड़ी नाका स्थित प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ा था। ब्रेन हेमरेज की वजह से मोनिका की हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी।

संगीत संध्या में भजन गाकर पिता ने दी थी अंतिम विदाई

मोनिका के पिता प्रमोद खुरसैल पेशे से वकील है और वह मोनिका के पहले गुरु भी हैं। पिता ने मोनिका की मौत के बाद उसकी यादों को संजोकर रखने के लिए संगीत संध्या का आयोजन किया, जिसमें मोनिका को संगीत सिखाने और उसके साथ गाने वाली टीम के लोग शामिल हुए। इस आयोजन में मोनिका के पिता ने रूंधे स्वर में खुद गीत गाकर अपनी लाडली बिटिया को अंतिम विदाई दी। बेटी के मृत देह के सामने खड़े होकर उन्होंने अपनी गीतों में उसे याद करते हुए होनी को सच बताया। उन्होंने बताया कि मौत तय है लेकिन इसका कोई समय तय नही है। मौत तो सबको आनी है, लेकिन कैसे कब और कहा आएगी ये तय नही है।

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