Thursday, May 2, 2024
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BCC News 24: CG न्यूज़- सरकारी कर्मचारी बताकर बैंक से 89 लाख का फर्जीवाड़ा.. फर्जी दस्तावेज के सहारे लिया लोन; बैंक प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध, 5 आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़: बिलासपुर में फर्जी नाम-पता और दस्तावेज जमा कर 89 लाख रुपए लोन लेने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बैंक प्रबंधन ने लोन की राशि जमा नहीं होने पर खातेदारों की जानकारी जुटाई, तब उनका पता नहीं चला। इसके बाद बैंक ने लोन के लिए जमा किए गए दस्तावेजों की जांच की, तब फर्जीवाड़ा सामने आया। इसके बाद बैंक के प्रबंधक ने थाने में FIR दर्ज कराया। मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र के ग्रामीण बैंक का है।

लोन की किस्त जमा नहीं होने पर हुआ खुलासा
चकरभाठा में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की शाखा है। यहां के मैनेजर विजय दिनकर ने थाने धोखाधड़ी की शिकायत की। इसमें उन्होंने बताया कि बैंक से सात लोगों ने 89 लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया है। लोन लेने वालों ने खुद को अलग-अलग विभागों में सरकारी कर्मचारी बताया था। जब लोन की किस्त जमा नहीं हो रही थी, बैंक के अधिकारियों ने उनके पते पर संपर्क किया। इसके बाद पता चला कि लोन लेने वालों ने फर्जी दस्तावेज दिए हैं।

बैंक ने अपने स्तर पर जुटाई जानकारी
प्रबंधक ने पुलिस को बताया कि लोन लेने वालों की संपत्ति कुर्क करने के लिए जानकारी जुटाई जा रही थी। लेकिन, दस्तावेजों फर्जी थे। इसके चलते उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। आखिरकार, उन्होंने मुख्यालय से संपर्क किया और वहां से निर्देश मिलने पर धोखाधड़ी की शिकायत की।

बैंक प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध, इसकी भी होगी जांच

TI मनोज नायक ने बताया कि धोखाधड़ी के इस केस में बैंक प्रबंधन और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। आमतौर पर बैंक से लोन लेने पर प्रबंधन पूरी जानकारी जुटाती है। यहां तक खाता खुलवाने पर दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया जाता है, और उपभोक्ताओं को कई तरह की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। लेकिन, बैंक प्रबंधन ने इतनी बड़ी राशि लोन देने के पहले वेरिफाई क्यों नहीं किया। इससे बैंक प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है। पुलिस इस केस में लोन देने वाले प्रबंधक और कर्मचारियों की जानकारी जुटाकर पूछताछ करेगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

फोटो और दस्तावेजों के आधार पर पुलिस ने किया गिरफ्तार
TI मनोज नायक ने इस मामले की जांच शुरू की, तब उनके पास आरोपियों के फोटो और फर्जी दस्तावेज थे। लिहाजा, उन्होंने SP पालुर माथुर से मार्गदर्शन लिया और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट(ACCU) के साथ टीम बनाकर मामले की जांच की। इसमें पांच आरोपियों के ठिकानों की जानकारी मिली। सभी अलग-अलग जगहों के रहने वाले थे। ACCU की टीम ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, मुंगेली सहित अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर पांच लोगों को पकड़ा, जिनमें कोटा क्षेत्र के नरोतीकापा निवासी ज्ञानदास मेरसा (50), रामकुमार खांडे (50), कुदुदंड निवासी मदनलाल कुलमित्र (38), उसलापुर के सागरदीप कॉलोनी निवासी प्रदीप राव (44), और पुरानी बस्ती पेंड्रा के रियाज खान (35) को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपियों के खाते में 15 लाख, दो की तलाश जारी
ACCU प्रभारी हरविंदर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और उनके खातों की जांच की गई, जिसमें उनके खातों में 15 लाख रुपए होने की जानकारी मिली है, जिसे बैंक प्रबंधन को लौटाया गया है। वहीं, दो फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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