Thursday, May 9, 2024
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BCC News 24: प्रिंसिपल से परेशान लड़कियां, बोलता है- मुझसे दोस्ती करो.. हॉस्टल में बाथरूम के बाहर लगा रखे कैमरे, साथ खाना खाने के लिए बनाता है दबाव

राजस्थान: बाड़मेर के कस्तुरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल की गर्ल्स ने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक वीडियो जारी किया है। जो हॉस्टल वार्डन भी है। गर्ल्स का आरोप है कि प्रिंसिपल गलत तरीके से परेशान करता है। दोस्ती करने के लिए कहता है। साथ खाना खाने के लिए दबाव बनाता है। बाथरूम के बाहर हर तरफ कैमरे लगा रखे हैं। जो उसके मोबाइल से कनेक्ट है। गीले कपड़ों में बाहर निकलने पर काफी परेशानी होती है। जब भी प्रिंसिपल हॉस्टल आते हैं गेट पर स्वागत करने के लिए कहते हैं। फिर जाते वक्त गेट तक छोड़ने के लिए कहते हैं। गर्ल्स की शिकायत के बाद जांच कमेटी ने जांच भी कर ली। आरोपों की पुष्टि भी हुई है, लेकिन अभी तक वार्डन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

दरअसल, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल हरसाणी के प्रिंसिपल कैलाश आर्य के पास गर्ल्स हॉस्टल का भी जिम्मा है। हरसाणी गांव में कस्तुरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल की 9 से 12 वीं तक गर्ल्स स्टूडेंट्स ने वार्डन (प्रिंसिपल) कैलाश पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक वीडियो जारी किया था। गर्ल्स के विरोध करने पर टीसी देकर निकालने की धमकियां देते है। आरोप है कि सीसीटीवी कैमरों के जरिए फोटो लिए जाते हैं। पूरे मामले की जांच एडीपीसी (अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र) तनुराम राठौड़ ने की। जांच में आरोपों की पुष्टि भी हुई है। 4 मार्च को शिक्षा आयुक्त जयपुर को भेजी रिपोर्ट के अंत में लिखा है कि आने वाले समय में अगर यहां पर कुछ भी होता है तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

प्रिंसिपल कैलाश आर्य

प्रिंसिपल कैलाश आर्य

बाथरूम के बाहर सीसीटीवी कैमरे, वार्डन के मोबाइल से जुड़े
विभाग की जांच में सामने आया है कि हॉस्टल के गर्ल्स बाथरुम के बाहर की तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जब भी नहा कर बाहर निकलते हैं तब सर्तकता से निकलना पड़ता है। बाथरूम से पूरे कपड़े पहनकर निकलना पड़ता है। इससे बाथरूम में कपड़े गीले हो जाते है। यह कैमरे वार्डन के मोबाइल से कनेक्ट है। इससे गर्ल्स हमेशा डर साए में रह रही है।

वार्डन गर्ल्स को कहते है मुझसे दोस्ती करोंगे
जांच कमेटी को गर्ल्स ने बताया कि प्रिसिंपल गर्ल्स से अच्छी भाषा में बात नहीं करते हैं। अक्सर गर्ल्स से पूछते है कि क्या तुम मेरे से दोस्ती करोंगी। इससे अन्य गर्ल्स के सामने हमारी छवि खराब होती है। हमें डर भी लगता है। हमें समय पर खाना अच्छा नहीं मिलता है। तेल, साबुन आदि सामग्री तीन माह में एक बार दी जाती है। चद्दरों की धुलाई भी नहीं होती है। हॉस्टल में प्रिंसिपल के लिए स्पेशल खाना बनता है। करीब-करीब हमेशा खाकर जाते है।

जांच कमेटी ने जांच रिपोर्ट में लिखा है कि गर्ल्स काफी उदास व परेशान रहती है। ड्रापआऊट होने का डर सता रहा है। गर्ल्स हॉस्टल में करीब 200 छात्राएं है। गर्ल्स स्टूडेंट को ही रोज चौकीदारी के लिए लिए कहा गया है। इससे गर्ल्स की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

गरिमा पेटी से मिली 7 शिकायतें
हॉस्टल में गरिमा पेटी के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है। इससे गर्ल्स अपनी समस्याएं गरिमा पेटी के माध्यम से बताने में झिझक महसूस करती है। जांच टीम ने जब गरिमा पेटी को खोला तो उसमें 7 शिकायतें मिली है।

चार दिन पहले आयुक्त शिक्षा जयपुर को भेजी रिपोर्ट
एडीपीसी ने जांच कर रिपोर्ट चार दिन पहले आयुक्त प्रारंभिक शिक्षा परिषद जयपुर को भेजते हुए उचित मार्गदर्शन देने व कार्रवाई करने का निवेदन किया है। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट के अंत में निष्कर्ष में लिखा है कि आने वाले समय में यहां पर कुछ भी होता है तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

एडीपीसी तनुराम राठौड़ ने कहा कि जांच रिपोर्ट आयुक्त जयपुर को भेज दी है। गर्ल्स के बयान ले लिए गए थे। वार्डन छुट्‌टी पर था इस वजह से उसके बयान नहीं ले पाए। कार्रवाई ऊपर जयपुर से होगी।

प्रिंसिपल कैलाश आर्य का कहना है कि मेरे ऊपर जो आरोप लगे हैं, वह बिल्कुल गलत हैं। मैं जयपुर से ट्रांसफर होकर बाड़मेर हरसाणी आया था। कुछ राजनीति करने वाले लोग मुझे और मेरे स्टाफ को परेशान कर रहे हैं। मुझसे आज दिन तक बच्चों ने कभी कोई शिकायत नहीं की है। मेरी छुट्टी पर जाने के बाद विभाग की टीम आई थी।

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