Saturday, May 18, 2024
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CG: ट्रक चोरी करते, फिर डेंटिंग-पेटिंग कर बेच देते.. रायपुर में भी ऐसा ही किया तब खुला मामला, 11 करोड़ के ट्रक जब्त; 11 आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़: रायपुर की खमतराई पुलिस ने ट्रकों की चोरी के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। इस मामले में सोमवार को 5 और आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। अब मास्टरमाइंड समेत कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिए गए हैं। साथ ही पुलिस ने लगभग 11 करोड़ रुपए के 40 ट्रकों को जब्त किया है। आरोपियों द्वारा दूसरे राज्यों से ट्रकों को चोरी कर या लीज पर यहां लाया जाता था। फिर उनका फर्जी कागजात बनाकर बेच दिया जाता था। रायपुर में भी आरोपियों ने यही किया था। मगर मामला पुलिस तक पहुंच गया और कार्रवाई हुई है।

उत्तर प्रदेश के मऊ के रहने वाले अनुज कुमार सिंह ने इस पूरे मामले में शिकायत की थी। उसने बताया था कि वह ह ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करता है। 15 अक्टूबर को बिहार के पटना के रहने वाले नागेंद्र कुमार सिन्हा ने 80 हजार रुपए किराए पर उससे ट्रक लिया था। बाद में उसे रायपुर के रहने वाले शेख मकसूद ने फोन किया और बताया कि उसकी ट्रक रायपुर के भनपुरी में स्थित ट्रक गैरेज में खड़ी है। वहां के मालिक उपेंद्र शर्मा ने मकसूद को ट्रक बेचने के लिए दिखाया था। शेख मकसूद ने उसे बताया की जब गैरेज के मालिक से उस ट्रक के कागजात मांगे तो वह आनाकानी करने लगा। जिससे उसे शक हुआ और उसने ट्रक के चेचिस नंबर से वास्तविक ट्रक मालिक अनुज का नम्बर निकाल कर उससे संपर्क किया है।

ये जानने के बाद वह अनुज कुमार रायपुर आया था और भनपुरी के ट्रक यार्ड में जाकर देखा तो उसके होश उड़ गये। टाटा कंपनी के UP रजिस्टर्ड ट्रक को डेंटिंग पेंटिंग कर उसका हुलिया बदल दिया गया था। साथ ही पीछे के डाला को भी आधा काटकर,नंबर प्लेट भी चेंज कर दिया गया था। उसमें ट्रक के चक्के, ड्राइवर केबिन और रेडियम जैसे चीजों से अपनी गाड़ी को पहचान लिया। जब उसने यार्ड मालिक उपेंद्र शर्मा ने पूछताछ की तो पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ। उपेंद्र ने बताया कि उसने गाड़ी को अशोक अग्रवाल,सुब्बू काजी उर्फ सोनू खान से खरीदा है। फिर मामले में पुलिस ने जांच शुरू की थी। इसके बाद पुलिस ने सबसे उपेंद्र को गिरफ्तार किया था। सथ ही अशोक अग्रवाल,सुब्बू काजी को भी पकड़ा लिया था।

पुलिस ने आरोपियों से कैश भी जब्त किया है।

पुलिस ने आरोपियों से कैश भी जब्त किया है।

उपेंद्र से जब पूछताछ हुई, तब पूरे मामले का खुलासा हो गया है। पुलिस को पता चला आरोपी अशोक अग्रवाल और सोनू खान अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की ट्रकों को लाते थे और फिर आरटीओ एजेंट के मिलीभगत से फर्जी पेपर तैयार करवाते थे। फिर ट्रकों का रजिस्ट्रेशन छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में करवा लेते। दूसरे राज्यों के ट्रकों को छत्तीसगढ़ में पूर्व RTO एजेंट अशोक अग्रवाल के माध्यम से पेपर तैयार कर बेचा जाता था। इस कारोबार में 6 चक्का से लेकर 14 चक्का तक के ट्रक को वो टारगेट बनाते थे। उस ट्रक को कम दामों में स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को बेचकर लाभ कमाया जाता था।

पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि चोरी और लीज की इन ट्रकों के चेचिस नंबर को बदलने के लिए एक्सपर्ट लोगों की मदद ली जाती थी। उनके द्वारा ट्रक के बाहरी हुलिए को भी पूरी तरह बदल दिया जाता था। कई ट्रकों को नागालैंड,अरुणाचल,बिहार और UP के आरटीओ एजेंट के सहायता से फर्जी पेपर बनाकर भी बेचा गया। इस गिरोह ने कई ट्रांसपोटर्स को इस कांड से लाखों रुपए का चूना लगाया है।

आरोपियों से जब्त ट्रक।

आरोपियों से जब्त ट्रक।

पुलिस ने इस पूरे मामले में कई टीमें बनाकर दूसरे राज्यों में भी भेजी थी। जिसमें आरोपी नागेंद्र कुमार सिन्हा(64) सिद्धांत सिंह(23) चरणजीत सिंह (38) गिरीश कोटवानी (22) अवनींद्र सिंह (45) को भी पकड़ा गया है। 10 दिनों पहले 6 अन्य आरोपी पुलिस में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से अब तक 11 करोड़ रुपए के 40 ट्रक जब्त किए हैं। साथ ही 7.5 लाख रुपए कैश भी जब्त किया गया है। एक लैपटॉप, 8 मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। पुलिस इस मामले में लगातार जांच कर रही है। पुलिस को शंका है कि इस गिरोह ने बड़े पैमाने पर हेरफेर किया है। इसलिए इस केस में लगातार पूछताछ जारी है।

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