Saturday, May 18, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाCG: GST चोरी में दो कारोबारी गिरफ्तार.. रायपुर में फर्जी फर्मों के...

CG: GST चोरी में दो कारोबारी गिरफ्तार.. रायपुर में फर्जी फर्मों के सहारे 114 करोड़ का नकली ITC बनाया था, 14 दिन की रिमांड पर भेजे गये

रायपुर: केंद्रीय माल एवं सेवाकर -CGST की टीम ने रायपुर से 114 करोड़ 70 लाख रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट-ITC चोरी की कोशिश पकड़ी है। इस मामले में दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच के लिए दोनों को 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया है। जांच के बाद बड़े टैक्स चोरी के खुलासे की संभावना जताई जा रही है।

CGST के प्रधान आयुक्त अतुल गुप्ता ने बताया, एजेंसी की टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि रायपुर में टोपिस्टो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बिना किसी माल अथवा सेवा की लेन-देन के लिए केवल नकली चालान बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट-ITC पाने में लगा हुआ है। CGST और केंद्रीय उत्पाद शुल्क रायपुर के अधिकारियों ने उस फर्म पर छापा मारा। वहां जांच में पता चला कि फर्म के संचालक मोहम्मद तबरेज अमदानी नसीम बानो अब्दुल रऊफ के साथ उस कंपनी के सलाहकार और लेखाकार आशीष कुमार तिवारी फर्जी फर्मों का रैकेट बनाने में शामिल हैं।

फर्जी फर्मों के इस रैकेट के जरिये तबरेज और तिवारी ने 114 करोड़ 70 लाख रुपए का नकली ITC बनाया है। बिना किसी माल अथवा सेवा की आपूर्ति किये इन लोगों ने एक करोड़ 92 लाख रुपए का ITC भुना भी लिया है। दोनों व्यक्ति 112 करोड़ 78 लाख रुपए के नकली ITC को भी भुनाने की योजना बना रहे थे। CGST के छापा पड़ जाने की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाए। प्रधान आयुक्त ने बताया, उनकी टीम ने GST कानून के तहत दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। वहां से उनको 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है।

रायपुर में ही अब तक 10 लोग गिरफ्तार हो चुके

CGST की टीम ने रायपुर में ही पहले भी ऐसी कर चोरी में लगी फर्मो को पकड़ा है। 2017 के बाद से अब तक CGST रायपुर आयुक्तालय ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। अफसरों का कहना है, कहीं-कहीं यह फर्जीवाड़ा एक बड़े रैकेट का हिस्सा मिल रहा है। पूछताछ में मिली सूचनाआें के आधार पर दूसरे राज्यों में भी कार्रवाई हो रही है।

क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट-ITC, कैसे हो रही है धोखाधड़ी

इनपुट क्रेडिट का मतलब है माल की खरीद के समय चुकाया गया कर। आउटपुट पर टैक्स देने के समय आप अपने इनपुट टैक्स से एडजस्ट कर सकते हैं जो आपने माल खरीदते समय पहले से चुकाया है। पक्के बिल से जो माल खरीदा जाता है उस पर लगा जो टैक्स देय होता है, उसी पर आपको जीएसटी रिटर्न भरने से इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता है। इसको ऐसे समझिए – मान लीजिए आपने 100 रुपए का कोई कच्चा माल खरीदा। इस पर 18% यानी 18 रुपए का टैक्स लगेगा। इस हिसाब से यह रकम 118 रुपए हो गई।

आपने 118 रुपए का पक्का बिल सेलर से ले लिया। मतलब आपने 18 रुपए का जीएसटी जमा कर दिया। अब आपने उस माल से कोई सामान बनाकर 150 रुपए में बेचा तो वहां भी 18% के हिसाब से 27 रुपए का टैक्स जुड़ेगा। यानी आपका ग्राहक 177 रुपए की रसीद लेगा जिसमें से 27 रुपए का GST लगा हुआ होगा।

अब इस साैदे की रिटर्न फाइलिंग के दौरान आपकी केवल 9 रुपए की टैक्स देनदारी बनेगी। शेष 18 रुपए का इनपुट क्रेडिट मिलेगा क्योंकि आप इसका भुगतान माल खरीदते वक्त कर चुके हैं। फर्जीवाड़ा करने वाले इसी इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए नकली फर्मों की रसीदों का सहारा लेते हैं। बिना माल लिए-दिये इस ITC का दावा किया जाता है। कई बार उनको कामयाबी भी मिल जाती है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular