Saturday, May 18, 2024
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छत्तीसगढ़: घायल का इलाज करने से डॉक्टर ने किया मना.. मदद करने वालों से उलझने लगे चिकित्सक, वीडियो वायरल कर देने की बात पर किया उपचार

छत्तीसगढ़: भिलाई के श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों का वीडियो वायरल हो रहा है। कुछ युवाओं ने देर रात सड़क किनारे घायल पड़े युवक को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। जैसे ही डॉक्टर को पता चला कि घायल को परिजन लेकर नहीं आए हैं, उसने बेड न होने की बात कहकर दूसरे अस्पताल जाने की बात कही। मददगारों ने प्राथमिक उपचार करने की बात कही तो डॉक्टर उनसे बहस करने लगे। जब युवाओं ने डॉक्टरों के इस बर्ताव का वीडियो बनाया और वायरल करने की बात कही तब जाकर घायल का इलाज शुरू किया गया।

पेशे से बिजनेस कंसलटेंट अजय रात्रे ने बताया कि शनिवार रात को वह दोस्तों के साथ ढाबा खाना खाने जा रहे थे। चिखली चौक धमधा के पास सड़क के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति घायल हालत में लहूलुहान हालत में पड़ा था। अजय ने तुरंत घायल को अपने कार से पास स्थित श्री शंकराचार्य हॉस्पिटल पहुंचाया। जैसे वह लोग अस्पताल पहुंचे उन्हें देखकर इंचार्ज डॉक्टर बेहरा आए और बेड खाली ना होने का हवाला देते हुए अन्य अस्पताल जाने के लिए कहने लगे।

श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल

श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल

अजय रात्रे ने डॉक्टर बेहरा से कहा कि घायल का खून काफी बह रहा है। उसका प्राथमिक उपचार करवा दीजिए। उसके बाद उसे दूसरे अस्पताल ले जाएंगे। यदि समय पर उपचार नहीं मिला तो घायल की मौत भी हो सकती है। यह सुनते ही डॉ. बेहरा उनसे बहस करने लगा। वहां कैजुअल्टी में बिना पर्ची बनाए इलाज करने के लिए कोई चिकित्सक तैयार नहीं था। इसके बाद युवकों ने डॉक्टर बेहरा का वीडियो बनाया और वायरल करने की बात कही। इसके बाद दूसरा डॉक्टर आया। उसने एक पर्ची बनवाई और उसका उपचार शुरू किया गया।

नहीं पहुंची 112 की मदद
अजय रात्रे का कहना है कि उन्होंने डायल 112 में फोन लगाया।‌ काफी देर तक वहां पुलिस या एंबुलेंस नहीं पहुंची। घायल का खून काफी बह रहा था। इस पर अजय और उसके तीन अन्य दोस्तों ने मिलकर घायल को अपनी कार पर बिठाया और अस्पताल पहुंचाया।

नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां
अजय का कहना है कि लॉ और शासन के नियम के मुताबिक सबसे पहले घायल का उपचार करना है। किसी भी घायल को अस्पताल पहुंचाने पर अस्पताल प्रबंधन को सबसे पहले उपचार शुरू करना है। यदि अस्पताल पहुंचाने वाला मददगार अपना नाम पता नहीं बताना चाहता या उसके पास इलाज के लिए देने को पैसे नहीं है तो अस्पताल प्रबंधन उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकता है। इसके बाद भी श्री शंकराचार्य अस्पताल में ऐसा किया गया।

मां के गम में हुआ एक्सीडेंट
घायल की पहचान दुर्ग के मोहन नगर थाना अंतर्गत तीतुरडीह नयापारा निवासी संदीप सोनी (45 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही उसकी मां का स्वर्गवास हुआ था। संदीप की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह ई-रिक्शा चलाकर अपना परिवार चलाता है। मां की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी, लेकिन संदीप ई-रिक्शा लेकर घर से गया था। देर रात वह घर लौट रहा था, तभी कोई बड़ी गाड़ी वाला उसे टक्कर मारकर चला गया।

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