- मुंगेली और पेंड्रा जिले से लगे जंगल और इंसानी बस्ती आस-पास होने से बनते हैं इस तरह के हालात
- कहीं वन विभाग के अफसर मुस्तैद तो कहीं उनकी लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण
बिलासपुर/ बिलासपुर और मुंगेली जिले से सटे केंदा गांव में जंगली भैंसा और पेंड्रा के एक गांव में भालू की वजह से लोग डरे हुए हैं। दोनों ही मामलों में वन विभाग की लापरवाही का लोग खामियाजा भुगत रहे हैं। वन भैंसे ने एक महिला पर हमला कर उसे घायल कर दिया। दूसरी तरफ भालू की वजह से पेंड्रा के ग्रामीण खौफ में हैं कि पता नहीं वो कब किस पर हमला कर दे।
महिला को उसके घर वाले अस्पताल लेकर गए।
जब महिला को भैंसे ने पटका
अचानकमार टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे केंदा गांव में रविवार की सुबह वन भैंसा घुस आया। ये भैंसा टाइगर रिजर्व से भटक कर यहां आ पहुंचा। गांव में महुआ चुन रही एक महिला पर वन भैंसे हमला कर दिया। बुधकुंवर बाई नाम कि इस बुजुर्ग महिला को घायल होने की वजह से केंंदा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। लोगों ने वन विभाग को वन भैंसे के आने की खबर दी मगर काफी देर तक कोई नहीं पहुंचा। कुछ देर पहले ही अफसर आए और अब आस-पास के गांव के लोगों को आगाह किया जा रहा है। कोशिश जारी है कि वन भैंसे को रिजर्व की तरफ वापस भेजा जाए।
भालू की वजह से लोग डरे हुए हैं, ये अक्सर पास के दूसरे गांवों में चला जाता है।
भालू का डेरा, ग्रामीणों का पहरा
पेंड्रा के इन्दिरा उद्यान के परिसर में पिछले 15 दिनों से भालू खुलेआम घूम रहा है। गांव के लोग अब रात भर जागकर भालू पर नजर रख रहे हैं। सभी डरे हुए हैं और खुद की सुरक्षा में लगे हैं। वन विभाग के अफसरों ने बताया कि ये भालू मरवाही के जंगल से भटककर यहां आया है। भालू इस क्षेत्र में बिही प्लाॅट के आस-पास डेरा डाले है। उद्यान में लोगों की एंट्री बैन कर दी गई है। हालांकि भालू ने अब तक किसी को यहां नुकसान नहीं पहुंचाया है। वन विभाग के अफसरों ने अब तक भालू को पकड़ने या खदेड़ने की तरफ ध्यान नहीं दिया है। लोग भालू को पकड़कर बिलासपुर के कानन पेंडारी जू ले जाने की मांग कर रहे हैं।