डोंगरगढ़: ग्राम अछोली में विमल यादव की बेटी चंचल को महीने भर पहले सोसायटी के समीप दुर्लभ प्रजाति का कछुआ मिला। महीने भर बाद जब वन विभाग को इसकी जानकारी मिली तो कछुआ को रायपुर स्थित जंगल सफारी भेज दिया गया। वन परिक्षेत्र अधिकारी आरआर कुर्रे ने बताया कि यह भारत का नहीं बल्कि साउथ अफ्रीका की दुर्लभ प्रजाति का कछुआ है। यह अछोली तक कैसे पहुंचा इसका कोई तथ्य तो नहीं मिला है। लेकिन यह पानी में न रहकर मैदानी व जंगल में घूमकर रहता है।
माह भर पहले विमल यादव की बेटी चंचल ने इसे देखा। सामान्य दिखने वाले कछुआ से यह अलग दिखा तो चंचल पहले तो डर गई। लेकिन हरकत से कछुआ होने का आभास हुआ। जिसे वह अपने घर ले आई। पानी में डालने पर अफ्रीकन कछुआ बाहर निकलने के लिए भरसक प्रयास करता रहा। कछुआ को खाने में भिंडी, कुंदरू, मुर्रा व अन्य हरी सब्जियां दी जाती थी। वन विभाग के अफसरों के अनुसार साउथ अफ्रीकन कछुआ शाकाहारी है और पानी में न रहकर जंगल में घूमकर अपना भोजन तलाश करता है।
अछोली में देखा कछुआ
शनिवार को वैद्य कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया लाल साहू को जानकारी मिली कि अछोली जाकर दुर्लभ कछुआ को देखा और उन्होंने खैरागढ़ डीएफओ संजय यादव को सूचना दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम को भेजकर विमल यादव के घर से कछुआ को लेकर जंगल सफारी के लिए रवाना हुई।