Sunday, April 28, 2024
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शिक्षा अनलॉक: इस माह के अंत तक खुलेंगे कॉलेज, हर क्लास में आधे छात्रों को अनुमति, ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी…

फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो।

  • अब सभी कक्षाओं का एक साथ शुरू होना तय, दूर से आने वालों को इस शर्त से छूट

रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट 13 फरवरी को प्रदेश के सभी 509 कालेज खोलने और तारीख के बारे में फैसला करेगी, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश के सारे कालेज इस माह के अंत तक खोल दिए जाएंगे। हर क्लास 50 प्रतिशत छात्र क्षमता से शुरू होगी, यानी कक्षा में जितने छात्र हैं, पढ़ाई के दौरान क्लासरूम में उनमें से आधे (50 प्रतिशत) को ही मौजूद रहने की अनुमति होगी।

कालेजों को इसी क्षमता के साथ छात्रों को बुलाने और उनकी बैठक की प्लानिंग करनी होगी। जो छात्र उपस्थित नहीं रहेंगे, उनके लिए यही क्लास ऑनलाइन चालू रहेगी, इसके इंतजाम भी करने के लिए कहा जाएगा। क्षमता से आधे छात्रों वाला फार्मूला केवल उन्हीं इलाकों के लिए लागू नहीं रहेगा, जहां छात्र दूर-दूर से पढ़ने आते हैं अर्थात कनेक्टिविटी कम होगी। राजधानी समेत प्रदेशभर के कालेज 19 मार्च 2020 यानी देश में लाॅकडाउन से 4 दिन पहले से बंद हैं, जो अब तक नहीं खुले। इनमें उच्च शिक्षा से जुड़े 509 सरकारी-गैर सरकारी कालेज शामिल हैं। हालांकि प्रोफेशनल और टेक्निकल शिक्षा से जुड़े कालेज भी तभी से बंद हैं, लेकिन अभी बात उच्च शिक्षा से जुड़े कालेजों की है।

चूंकि छत्तीसगढ़ के सभी सीमावर्ती राज्यों में कालेज खुल चुके हैं, इसलिए माना जा रहा है कि प्रदेश कैबिनेट यहां भी कालेज खोलने का फैसला ले सकती है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां अभी कोरोना के औसतन डेढ़-दो सौ केस रोजाना निकल रहे हैं, इसलिए नियम-शर्तें सख्त होंगी।

दिसंबर में खुल जाते, पर कोरोना से हिम्मत नहीं हुई
कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च 2020 से कॉलेजों में ऑफलाइन पढ़ाई बंद की गई थी। सरकार दिसंबर में कॉलेज खोलने का प्लान बना रही थी, लेकिन सितंबर से नवंबर तक कोरोना का ऐसा कहर टूटा कि यह इस योजना को रोकना पड़ गया।

दिसंबर में ही प्रदेश में कोरोना के केस तेजी से घटने लगे थे। जनवरी में इनमें और कमी आई और अब मामला काफी हद तक नियंत्रण में है, इसलिए उच्च शिक्षा विभाग ने शासन को कालेज खोलने का प्रस्ताव भेज दिया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगर सरकार ने कॉलेज खोलने की अनुमति भी दी, तो अनलाॅक के नियम सख्त होंगे। खासकर सोशल डिस्टेंसिंग पर फोकस रहेगा।

इसी वजह से कॉलेजों को हर क्लास में क्षमता से 50 फीसदी बच्चे ही बिठाने के लिए कहा जाएगा। इसके लिए हर कालेज प्रबंधन को अपना टाइम-टेबल नए सिरे से तैयार करना होगा। यह शर्त भी रखी जा सकती है कि ऑफलाइन पढ़ाई शुरू करने के बावजूद कालेजों को ऑनलाइन पढ़ाई तब तक जारी रखनी होगी, जब तक कोरोना यहां पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाता है।

ऑनलाइन भी जारी रखना होगा
कॉलेजों में ऑफलाइन पढ़ाई भले ही शुरू हो जाए, लेकिन ऑनलाइन क्लास बंद नहीं होगी। आधे बच्चों को ही बुलाने की अनुमति मिल सकती है, इसलिए इसे जारी रखा जाएगा। शिक्षाविदों के अनुसार बस्तर व दूरदराज के ऐसे क्षेत्र जहां कनेक्टिविटी कम है, वहां सभी छात्रों को कालेज आने की छूट दी जा सकती है। गौरतलब है, कालेजों में ऑनलाइन पढ़ाई नवंबर में शुरू की गई। उनमें उपस्थिति 35 से 40 प्रतिशत तक है।

कुछ कक्षाएं खोलने का था प्लान
सूत्रों के अनुसार दिसंबर में कॉलेज खोले जाने को लेकर उच्च शिक्षा ने जो प्रस्ताव बनाया था उसमें चरणबद्ध तरीके से कक्षाएं शुरू करने की बात कही थी। इसके तहत फाइनल ईयर की कक्षाएं पहले शुरू करने पर जोर दिया गया था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। कोरोना लगभग नियंत्रण में आता दिख रहा है, इसलिए अंडर ग्रेजुएशन (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की सभी कक्षाएं एक साथ शुरू की जा सकती हैं।

प्रस्ताव भेजा गया है
चूंकि पड़ोसी राज्यों में कॉलेज खुल चुके हैं, इसलिए उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश में सभी कालेज खोलने की अनुमति शासन से मांगी है। इसका प्रस्ताव भेज दिया है।
शारदा वर्मा, आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय

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