भिलाई: सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम के बेटे अनुज मेश्राम की कीर्ति पैथालॉजी लैब पर बुधवार को पर्यावरण मंडल ने 1,36,250 रुपए का जुर्माना लगाया है। पर्यावरण एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सार्टिफिकेट) लिए बगैर लैब शुरू करने को लेकर पर्यावरण मंडल के स्थानीय अधिकारी विजय कुमार पोर्ते ने यह कार्रवाई की है। इस मामले की जांच में उन्होंने कीर्ति पैथोलॉजी लैब को 20 मई 2023 को लाइसेंस लेना और लैब संचालित करना पाया।
ऐसे में बायो मेडिकल वेस्ट रूल-2016 का उल्लंघन मानते हुए लाइसेंस जारी होने से निरीक्षण की तारीख तक 109 दिनों के लिए 1250 रु. प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी लगाई है। 4 सितंबर को लैब प्रमुख अनुज मेश्राम ने बायो मेडिकल वेस्ट उठाने, सरकार द्वारा नामित एसएमएस एजेंसी से 31 जनवरी 2024 तक के लिए एग्रिमेंट कर लिया। आगे पर्यावरण एनओसी के लिए नए सिरे से आवेदन करेंगे। इससे पहले 10 जनवरी 2020 को किया गया उनका आवेदन 28 मई 2021 को निरस्त किया था।
बिना एनओसी लैब का लाइसेंस देने पर कार्रवाई बाकी
पूरे प्रकरण में हैरानी यह कि बिना पर्यावरण एनओसी लैब शुरू करने पर पर्यावरण मंडल ने संचालक पर 1.36 लाख रु. की पेनल्टी लगा दी है। लेकिन पर्यावरण की एनओसी के बगैर कलेक्टर के यहां नर्सिंग होम एक्ट की फाइल पुट कर हस्ताक्षर कराने वाले के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले की कार्रवाई नर्सिंग होम एक्ट के प्रवेक्षीय प्राधिकारी/कलेक्टर या डायरेक्टर हेल्थ द्वारा की जानी है।
पहली बार जिले के किसी हेल्थ सेंटर पर इतनी पेनल्टी
बायोमेडिकल वेस्ट रूल के अनुसार अलग-अलग वेस्ट का रख-रखाव नहीं करने पर पर्यावरण मंडल हेल्थ सेंटरों के विरुद्ध कार्रवाई करता रहता है। इसके तहत अब तक जिले में अधिकतम 25000 रु. की पेनाल्टी लगाई गई थी। पहली बार जिले में किसी हेल्थ सेंटर पर 1.36 लाख रु. की पेनल्टी लगी है। क्योंकि 20 मई 2023 को लाइसेंस लेने से बिना एनओसी लैब संचालित होना साबित हो गया है। आगामी दिनों में अन्य पैथोलॉजी लैब की भी जांच किए जाने की तैयारी है।
बिना एनओसी लैब शुरू किया, 1.36 लाख जुर्माना
कीर्ति पैथोलॉजी के संचालक अनुज मेश्राम को बिना एनओसी लैब शुरू नहीं करने का आदेश दिया था। आदेश नहीं मानते हुए 20 मई 2023 को वह लाइसेंस लेकर पैथोलॉजी शुरू कर दिए। 1.36 लाख जुर्माना लगाया है।
विजय पोर्ते, पर्यावरण अधिकारी दुर्ग
डिप्टी कलेक्टर की टीम मामले की जांच कर रही
कीर्ति पैथोलॉजी लैब प्रकरण की जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर की टीम बनाई गई है। टीम पर्यावरण एनओसी व अन्य की जांच कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। नर्सिंग होम एक्ट की धाराओं में भी कार्रवाई करेंगे।
पुष्पेंद्र मीणा, कलेक्टर दुर्ग
