Thursday, May 2, 2024
Homeछत्तीसगढ़रायपुरएक पुर्जा खराब हुआ तो प्लेन छोड़ गए: बांग्लादेशी एयरक्राफ्ट के रायपुर...

एक पुर्जा खराब हुआ तो प्लेन छोड़ गए: बांग्लादेशी एयरक्राफ्ट के रायपुर पहुंचने की कहानी, पांच साल से एयरपोर्ट पर खड़ा, किराया ही हो गया डेढ़ करोड़, अब नीलामी की तैयारी…

  • पायलट ने एटीसी से कहा था – इंजन का एक पार्ट टूट गया है, तुरंत उतरना है
  • 7 अगस्त 2015 को हुई थी एमरजेंसी लैंडिंग, मस्कट जाने वाले 173 यात्री सवार थे

तारीख थी 7 अगस्त साल था 2015। दोपहर के वक्त अचानक रायपुर के एयर ट्रॉफिक कंट्रोल (ATC) पर एमरजेंसी कॉल रिकॉर्ड हुई। प्लेन के पायलट ने परिचय देकर कहा कि मैं बांग्लादेश की टीएसी एयरलाइंस का पायलट हूं, प्लेन ढाका से मस्कट के लिए जा रहा था मगर मेरे इंजन का पार्ट टूटकर गिर गया है, हमें सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पर लैंड करने की परमिशन चाहिए। रायपुर एयरपोर्ट के अफसरों ने फौरन सारा इंतजाम किया । जब प्लेन में दिक्कत आई तो वो बेमेतरा इलाके के ऊपर मंडरा रहा था। इसके बाद प्लेन रायपुर आया।

तस्वीर रायपुर एयरपोर्ट की है। प्लेन का इंजन इसके पिछले विंग्स पर है।

तस्वीर रायपुर एयरपोर्ट की है। प्लेन का इंजन इसके पिछले विंग्स पर है।

173 यात्रियों की जान थी खतरे में
रायपुर एयरपोर्ट में टीम फायर सेफ्टी के बंदोबस्त के साथ मुस्तैद थी। प्लेन की सेफ लैंडिंग हुई और एक बड़ा हादसा होने से टल गया। प्लेन में सवार 173 यात्रियों के लिए दूसरा एयरक्राफ्ट लाया गया। इसके जरिए वो सभी सुरक्षित ढाका रवाना कर दिए गए। मगर बांग्लादेशी एयर क्राफ्ट रायपुर मे ंही रह गया। पिछले तकरीबन 5 सालों से ये प्लेन यहीं है। इसकी पार्किंग का किराया लगभग डेढ़ करोड़ रुपए हो चुका है, जोकि बांग्लादेश से रायपुर एयरपोर्ट को नहीं मिला। इस स्थिति में अब इस प्लेन को नीलाम करने की तैयारी की जा रही है।

डेढ़ करोड़ रुपए पहुंचा पार्किंग चार्ज, अब प्लेन बेचने की तैयारी
रायपुर एयरपोर्ट के डायरेक्टर राकेश सहाय ने बताया कि हमने कई बार बांग्लादेश एयरलाइंस से संपर्क किया। कई चिटि्ठयां भेजी गईं और ई मेल भी मगर कोई जवाब उनकी तरफ से नहीं मिला। वो न तो प्लेन को वापस ले जाने में दिलचस्पी दिखा रहे न ही इसकी पार्किंग का किराया ही पांच साल से दिया। इसलिए अब इसे नीलाम करने का प्रस्ताव हमने भेजा है। इसपर सहमति बनने के बाद कार्रवाई की जाएगी। प्लेन के अब तक रायपुर एयरपोर्ट पर खड़े रहने का किराया करीब डेढ़ करोड़ रुपए है।

प्लेन सालों से ही यहीं खड़ा है, बांग्लादेशी सरकार ने जानबूझकर इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया।

प्लेन सालों से ही यहीं खड़ा है, बांग्लादेशी सरकार ने जानबूझकर इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया।

खराबी ठीक होने के बाद नहीं हो सका था टेक ऑफ
इस प्लेन को इस बीच ठीक भी करवाया गया था। बांग्लादेश से भी इंजीनियर रायपुर आए थे। इसकी टेस्टिंग की गई थी। रायपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर राकेश सहाय ने बताया कि तब इसके टेक ऑफ की परमिशन बांग्लादेश की तरफ से न मिलने की वजह से प्लेन टेक ऑफ नहीं हो पाया था। इसके बाद 20 जुलाई 2018 को एयरलाइंस यूनाइटेड बांग्‍लादेश के प्रतिनिधि इनायत हुसैन, सहायक प्रबंधक (इंजीनियरिंग) और कोलकाता से आए सहायक महाप्रबंधक सुभंकर बनर्जी की मौजूदगी में प्लेन को रनवे से हटाकर किनारे खाली हिस्से में खड़ा किया गया।

अब आगे क्या
रायपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर राकेश सहाय ने बताया कि भारत सरकार से मंजूरी के बाद प्लेन को नीलाम किया जाएगा। इसमें पुराने एयरक्राफ्ट खरीदने वाली देश या विदेश की कंपनियां भाग ले सकती हैं। इस पूरी प्रक्रिया के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी लीगल एडवाइज ले रही है। इस तरह की नीलामी में कई औद्योगिक घराने भी एयर क्राफ्ट अपने प्राइवेट इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular