Sunday, April 28, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबापेड़ से लटकी मिली थी लाशें... भाजपा का दावा- भूख से पहाड़ी...

पेड़ से लटकी मिली थी लाशें… भाजपा का दावा- भूख से पहाड़ी कोरवा परिवार ने की खुदकुशी, कांग्रेस ने कहा- विपक्ष राजनीति कर रही है

रायपुर: जशपुर में पहाड़ी कोरवा परिवार की खुदकुशी मामले में भाजपा ने बड़ा दावा किया है। खुद नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने खुलासा करते हुए कहा है कि जिस परिवार ने जान दी उसके पास खाने को अन्न नहीं था, घर में एक किलो चावल नहीं मिला। प्रदेश भाजपा द्वारा तथ्यान्वेषण समिति बनायी गयी थी। इस समिति के सदस्य के रूप में हम सबने उस गांव का दौरा किया और पाया कि यह सामूहिक आत्महत्या भूख और गरीबी के कारण हुई है।

भाजपा ने मौत की वजह भूख और गरीबी को बताया।

भाजपा ने मौत की वजह भूख और गरीबी को बताया।

भाजपा का जांच दल 7 अप्रैल को उस गांव में पहुंचा जहां पति, पत्नी और दो बच्चों की लाश पेड़ से लटकी मिली थी। भाजपा नेताओं ने परिजनों से मुलाकात की, गांव के लोगों से बात की। नेताओं ने महत्वपूर्ण तथ्य एकत्र किये गए जिससे इस निष्कर्ष तक पहुंचना संभव हुआ कि परिवार भूख एवं गरीबी से बदहाल था। उन्हें किसी शासकीय योजना का भी लाभ लम्बे समय से नहीं मिल पा रहा था।

भाजपा ने ये तथ्य पेश किए
– मृतक के माता-पिता की मृत्यु पहले ही हो गई है। पिता की हत्या हुई थी।
– मृतक के बड़े पिता जी जीवित है जिनका नाम बुधई है।
– मृतक के छोटे भाई का नाम देवकुमार।
– 2016-17 में निर्मित प्रधानमंत्री आवास में मृतक परिवार निवासरत थे।
– वहां खेती-किसानी में उपज अत्यंत कम है। छोटे भाई के यहां कुल मात्र 20-22 किलो मक्के की फसल हुई है।
– मृतक परिवार ग्राम बैगाकोंना महुआ बेचने जाते थे।
– गांव में 35 पहाड़ी कोरवा जनजाति एवं 05 भुईहार जाति के परिवार निवासरत है। गांव से लगभग 1 कि.मी. दूर स्थित एक मात्र हैण्डपम्प से गांव के पीने की पानी की व्यवस्था होती है।
– शासन की ओर से परिवार के हित संरक्षण हेतु कोई घोषणा नहीं की गई है। ग्राम पंचायत द्वारा थोड़ी-बहुत सहायता की गयी है जिससे किसी तरह फिलहाल बचे सदस्यों का आजीवन-यापन हो पा रहा है.
– मृतक परिवार का जॉब कार्ड नहीं बना था। फौती भी नहीं चढ़ी है।
शासन की विफलता से जुड़े तथ्य
– गांव में केन्द्र शासन की योजना अंतर्गत आबंटित किये जाने वाले 5 किलो अतिरिक्त चावल का आबंटन माह फरवरी के बाद नहीं हुआ।
– सामरबार ग्राम पंचायत मूलभूत सुविधाओं से भी अछूता है। गांव में जल जीवन मिशन कार्य अधूरा पड़ा है। गांव के लिए सड़क ही नहीं है। जंगल के पगडंडी मार्ग का उपयोग ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है।
– ग्रामीणों को राशन के लिए 10 किमी. दूर जंगल मार्ग से होकर बिना किसी साधन के जाना पड़ता है।
– बच्चों को भी शासकीय स्कूल में पढ़ने के लिए पहाड़ी चढ़कर 10 किमी. दूर पढ़ने जाना पड़ता है।
– बहोरा निवासी जयनाथ राम बैगा जो कि कोरवा जनजाति के संरक्षक भी है, उन्होंने बताया कि गांव में स्थित शासकीय आश्रम शाला में केवल पांचवीं तक की शिक्षा की व्यवस्था है। यहां पदस्थ शिक्षक शराब पीकर आते हैं। श्री बैगा ने यह भी कहा कि कोरवा जनजाति के विकास के लिए प्रदेश शासन द्वारा उचित प्रयास एवं व्यवस्था नहीं की जा रही है।
– आश्रम शाला को उन्नयित कर हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल तक की शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए।
– गांव में निवासरत पहाड़ी कोरवा जनजातियों के अभी तक जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये गये हैं।
– केवल सामरबार गांव ही नहीं बल्कि पूरा बगीचा ब्लॉक विकास कार्य में पिछड़ा हुआ है, यहां के 137 गांवो में से 114 गांवो में सड़क ही नहीं है।

दो छोटे बच्चों की लाशें भी यूं लटकी मिली थीं।

दो छोटे बच्चों की लाशें भी यूं लटकी मिली थीं।

भाजपा ने की मुआवजे की मांग
– मृतक परिवार के लिए तत्काल राहत राशि की घोषणा करे.
– शासकीय अक्षमताओं के कारण पोषण और चिकित्सा के अभाव में मृत आदिवासी क्षेत्रों के 25 हजार से अधिक बच्चों के परिवार को पर्याप्त मुआवजा की घोषणा करे.
– प्रदेश में भोजन और इलाज के अभाव में किसी भी व्यक्ति को जान नहीं देनी पड़े, यह सुनिश्चित करे.

कांग्रेस ने कहा भाजपा राजनीति कर रही है
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कोरवा जनजाति के परिवार की आत्महत्या की घटना दुखद है। भाजपा उनकी मौत पर राजनीति कर रही है। मृतक परिवार को सारी शासकीय योजनाओं का लाभ मिल रहा था। उनके पास राशन कार्ड भी था। आपसी विवाद और पारिवारिक क्लेश के कारण हुई घटना पर भाजपा घृणित राजनीति कर रही है।

जशपुर जिले के पहाड़ी कोरवा परिवार के आत्म हत्या के मामले में भाजपा द्वारा ली गई पत्रकावार्ता भाजपा नेताओं ने एक बार फिर से झूठ परोस कर लाश पर राजनीति करने का प्रयास किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेता झूठ बोल रहे थे। यह उनके पत्रकारवार्ता तथा कथित जांच दल की जारी रिपोर्ट के विरोधाभासी तथ्यों से साबित हो रहा है।

कांग्रेस नेता सुशील आनंद ने भुखमरी की बात को नकार दिया।

कांग्रेस नेता सुशील आनंद ने भुखमरी की बात को नकार दिया।

कांग्रेस का दावा है कि भाजपा नेता दावा कर रहे है कि भूख से वंचित होकर परिवार के लोगो ने आत्म हत्या किया। जबकि अपनी ही जांच रिपोर्ट में यह भी मान रहे कि परिवार के पास राशन कार्ड था जिसमें फरवरी माह तक राशन उठाने की प्रविष्टि को भाजपा जांच दल बता रहा। (जबकि कोरवा परिवार ने मार्च में भी राशन उठाया है। परिवार को हर माह 35 किलो चावल एवं अन्य सामाग्री मिलती थी)। यदि फरवरी तक भी राशन लेना मान लिया जाय तो परिवार के द्वारा भूख के कारण आत्म हत्या की बात झूठी साबित हो जाती है।

ये हुआ था उस दिन
जशपुर जिले के ग्राम पंचायात सामरबार, गांव झुमरीडुमर में 2 अप्रैल को पेड़ से लटकी 4 लोगों की लाश मिली थी। इसमें राजू राम 30 वर्ष, उसकी पत्नी भिनसारी बाई 25 वर्ष, बेटी देवंती 3 वर्ष, बेटा देवन राम 1.5 वर्ष शामिल थे। गांव के जंगल के पास पेड़ से कपड़ा सुखाने वाली रस्सी पर इस परिवार अपनी जिंदगी खत्म कर ली थी। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के शासन में अब तक 26 हजार से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है, यह प्रदेश सरकार के ही आंकड़े हैं, जिसे दर्ज किये गए हैं। इसके अलावा श्री रामविचार नेताम के ही राज्यसभा सदस्य के रूप में पूछे सवाल के जवाब में यह सामने आया था कि कांग्रेस के तीन वर्ष के शासन के बाद ही आदिवासी क्षेत्रों के 25 हजार 168 बच्चे पोषण और चिकित्सा के अभाव में दिवंगत हुए हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular