Saturday, April 27, 2024
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बदलता बस्तर: अब महुआ से शराब नहीं, दंतेवाड़ा की महिलाएं बना रहीं हलवा और कुकीज, हफ्तेभर में 1.5 लाख रुपए कमाए..

कुकीज की पैंकिग करती समूह की महिलाएं।

  • बस्तर के महुआ प्रोसेसिंग हब से देशभर में होगी सप्लाई
  • 100 महिलाओं को काम देने की तैयारी सीएम भी चखेंगे यहां बने उत्पादों का स्वाद

दंतेवाड़ा/ अब तक शराब बनाने के लिए मशहूर बस्तर के महुआ फूल की पहचान बदल रही है। यह अब स्वादिष्ट हलवा, चंक्स, कुकीज, जैम के स्वाद में पहचाना जाने लगा है। यह कमाल का बदलाव किया है दंतेवाड़ा की महिलाओं ने। संगवारी समूह की करीब 30 महिलाओं ने महुआ प्रोसेसिंग हब बनाया है, जहां ये कुकीज, हलवा, जेली, जैम, चंक्स, गुड़ मसाला, काजू मसाला, महुआ काढ़ा, इमली सॉस बना रही हैं। देशभर में इन उत्पादों की सप्लाई शुरू करने के साथ आने वाले समय में यहां 100 महिलाओं को रोजगार देने की तैयारी है।

इन महिलाओं के उत्पाद कितने पसंद किए इसका अंदाज इसी से लगा सकते हैं हफ्तेभर में इन्होंने 1.5 लाख का कारोबार कर लिया है। 31 जनवरी को दंतेवाड़ा आ रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी यह उत्पाद चखेंगे। जिला प्रशासन भी इनकी मदद के लिए आगे आया है, और इन उत्पादों को कपड़ों के ब्रांड डैनेक्स के नाम से प्रमोट करेगा। महुआ प्रोसेसिंग हब के लिए महिलाओं को फॉरेस्ट विभाग में जगह दिलाई गई है।

बदलते बस्तर की तस्वीर : बच्चों की पढ़ाई होगी, इलाज भी करवा सकेंगे

महुआ को नई पहचान देने वाली संगवारी समूह की महिला लक्ष्मी नाग बताती हैं कि मुझे खुद और बच्चों को सिकलिन, पथरी की समस्या है। पति ड्राइवर हैं, इतनी कमाई नहीं कि इलाज करवा पाएं। खुद का घर भी नहीं। मुझे यहां काम मिला है अच्छा लग रहा है। मैं खुद कमाऊंगी, पति का सहारा बन बच्चों व खुद का इलाज कराऊंगी।

हलवा तैयार कर रहीं कुंती बैरागी, सविता शर्मा, प्रियंका जायसवाल, मंगलदेई दीवान, नंदिनी, शर्मिला ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि महुआ से इतने सारे खाद्य पदार्थ भी तैयार हो सकते हैं। हम सबकी आर्थिक स्थिति इससे बदलेगी, बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकेंगे। एनएमडीसी सहित अन्य जगहों से हमारे प्रोडक्ट की डिमांड भी आई है। लोग पूछते हैं नशा तो नहीं होता है, हम ये बताना चाहेंगे कि महुआ के बने इन खाद्य पदार्थों से किसी तरह का नशा नहीं होता है। ये खाने में बेहद स्वादिष्ट व पौष्टिक हैं।

नेट से महुआ फूल चुनेंगे ताकि शुद्धता बनी रहे

महुआ का सीजन शुरू होने को है। अब वन विभाग ग्रामीणों को नेट भी उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। महुआ पेड़ों के नीचे नेट को बांधकर इसी से महुआ एकत्रित किया जा रहा ताकि महुआ की शुद्धता बनी रहे।

दुकानें खोलने का प्लान

“इन महिलाओं काे विहान बाजार में दुकानें देने का प्लान है। ट्राइफेड सहित अन्य संस्थानों के जरिये इन उत्पादों को देशभर में बाज़ार भी दिलाया जाएगा।”

– दीपक सोनी, कलेक्टर दंतेवाड़ा

ग्रामीणों का अच्छा प्रयास

“बस्तर में महुआ के पेड़ ग्रामीणों की आजीविका का सबसे अच्छा ज़रिया हैं। महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी गई है। उन्हें इसका फायदा ज़रूर मिलेगा।”

– संदीप बलगा, डीएफओ

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